भावना गौड़
पिताजी - स्व.श्री जितेन्द्र कुमार शर्मा
जन्म- 7 जनवरी
जन्मस्थान - कालाकोट जिला राजौरी(जम्मू कश्मीर)
पता ग्रेटर नोएडा(उत्तर प्रदेश)
शिक्षा - मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र
अभिरूचि - कुकिंग,गार्डेनिंग,साहित्य पठन व लेखन
अनभुव - टीचिंग अध्ययन
उपलब्धियां - हिन्दी साहित्य ग्रुप में ऑनलाइन - 22
सम्मान पत्र पिंकिश फाउंडेशन(नारी सशक्तिकरण) -09
अंकुर साहित्य परिवार -02
नवीन कदम साहित्य समाचार पत्र -01
दैनिक वर्तमान अंकुर नोएडा - 07
दैनिक नवीन कदम (छत्तीसगढ़) - 01,
दैनिक हरियाणा प्रदीप( गुरूग्राम) -03!
1.
उमंग
मन में एक उमंग होती बेटी की
मैं भी एक दिन दुल्हन बनूगी
बचपन में देखा दीदी की ब्याह
बहुत उत्साह से काम किए
अब अपनी उमंग मन आई
दुल्हन बन पिया के घर जाने की
बहुत अरमा से ख्वाब सजाए
एक घरौंदा मेरा भी बन जाए
उस आँगन में अपने पग रख पाए
खुशियों से वो भी पूरा हो जाए
अब बात चली ब्याह की मन हो जाए
उमंग रहती बड़ी नया घर नए लोग
यही उमंग एक खुशी बन जाती है
घर परिवार और नए रिश्ते की नींव
सच में बहुत प्यारी ख्वाहिश की
उंमग है मेरी अभी नए रिश्ते में बंधने की ।
✍️✍️भावना गौड़
ग्रेटर नोएडा(उत्तर प्रदेश)
2.
बाल कविता
नन्हें मुन्ने राही हम
देश सिपाही
बड़े होकर वीर बनेगें
नन्हें नन्हें कदमों से
दुश्मन के छक्के छुड़ाएंगे
नहीं किसी से कम
बाल वीर है हम
एक दिन बड़े होकर
देश सिपाही बनेंगे
नज़रें नहीं झुकने देगें
आज नहीं तो कल
बड़े तो होगें पल
सपनें सभी पूरे करेंगे हम
वीर सिपाही बनेंगे
बोलेगें जय हिंद जय भारत
वीर सिपाही है हम ।
✍️भावना गौड़
ग्रेटर नोएडा(उत्तर प्रदेश)
3.
विदाई(हाइकू)
1.
रूप निखारे
जीवन है सँवारे
लगते प्यारे
2.
बेटी सहती
दुल्हन है बनती
नाज करती
3.
घर की कली
विदाई कर चली
अपनी गली
4.
छाई उदासी
नयनों में छाया सी
मन की प्यासी
5.
बेटी है कली
पिता के गोद पली
नाज़ो से चली ।
✍️✍️भावना गौड़
ग्रेटर नोएडा(उत्तर प्रदेश)
4.
दोस्ती एक रिश्ता
बहुत प्यारा रिश्ता
अनमोल बन्धन विश्वास भरा
दोस्ती की ना कोई उम्र
दोस्ती के लिए कोई भी रिश्ता
माँ पापा भाई बहन दोस्त
संयोग एक खुशनसीबी से दोस्त पाया
दोस्ती से ना जाने कब प्रेम हुआ
वो दोस्ती का रिश्ता कब प्यार बन गया
बहुत खुश हूं वो ही मेरा जीवन हुआ
एक दोस्त प्रेम बनकर एक रिश्ता बना
दोस्ती करो तो दिल से निभाओ
मत सोचिए कि अमीर गरीब छोटा बड़ा
बस दोस्ती का रिश्ता विश्वास से बने
दुःख सुख जब भी आए मत देखो वो कैसा
हर पल उसके लिए तैयार रहे साथ
कच्चे धागों से अनमोल कड़ी का रिश्ता दोस्ती
खून के रिश्ते से भी मजबूत बन्धन प्यार
साथ निभाना अंतिम पल तक दोस्ती के यार।
✍️✍️भावना गौड़
ग्रेटर नोएडा(उत्तर प्रदेश)
5.
पिता(हाइकु)
1.
पिता हमारे
जीवन है सँवारे
लगते प्यारे
2.
पिताजी दूर
मिलन मजबूर
मेरा कुसूर
3.
यादें पुरानी
करते थे शैतानी
हमनें मानी
4.
उनका साया
मैंने प्यार है पाया
छत्र छाया
5.
स्पर्श करती
प्रेम से मैं कहती
मर्म सहती ।
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