नूतन लाल साहू

अब तो चेत जा


महाकाल के डमरू बाजत हे


कोरोना ह अडबड़ बाढ़त हे


देख ले तैहर,ध्यान लगाके


कहना बरजना ल काबर नइ मानत हस


कर ले मौन साधना,सावधानी के


आशा के ज्योति जलही, अंतस मन मा


मास्क लगाके, दुरी बनाके चल


नइ मानस त, तहु लाइन लगाले


महाकाल के डमरू बाजत हे


कोरोना ह अडबड़ बाढ़त हे


देख ले तैहर,ध्यान लगाके


कहना बरजना ल,काबर नइ मानत हस


सोचत सोचत जिनगी हा जाहरा होगे


अंधियारी परगे आंखी मा


रेंगत रेंगत भुला भुला गेव


कलयुग के किस्सा बताये रीहिस मोला


महाकाल के डमरू बाजत हे


कोरोना ह अडबड़ बाढ़त हे


देख ले तैहर,ध्यान लगाके


कहना बरजना ल काबर नइ मानत हस


गुरुवर गुरुवर हे गुरुवर


तिही हमन के भाग विधाता


तिही हमन के जीवन दाता


तिही हावस परमेश्वर


जिहा प्रभु राम के ममा गांव हे


जिहा माता कौशल्या के मइके हे


अइसन महतारी,मोर छत्तीसगढ़ मा


हमर जिनगी ल, बचाले तै हर


महाकाल के डमरू बाजत हे


कोरोना ह अडबड़ बाढ़त हे


देख ले तैहर,ध्यान लगाके


कहना बरजना ल,काबर नइ मानत हस


नूतन लाल साहू


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