रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर, सी जी

दोहा विषय साथी


 


साथी तेरे साथ बिन, सूना यह संसार।


तुझसे सारी है खुशी ,जीवन है गुलजार।।


 


तुझसा साथी जो मिला, जीवन हुआ निहाल।


सारे दुख-सुख जानता जाने मन का हाल।।


 


जीवन साथी तुझ बिना, जीवन है बेरंग।


परदेसी कब आ रहे, लोटो करो न तंग।।


 


साथ तुम्हारा साथिया ,ज्यों बादल की धूप।


चढ़ता जितना रंग है, खिलता उतना रूप।।


 


प्यासी थी मैं तो कली, छिलके हुई बहार।


जीवन साथी ने दिया, देखो सचा प्यार।।


 


रश्मि लता मिश्रा


बिलासपुर, सी जी


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