नमन मंच
शीर्षक-'जीवन के गुरु'(कविता)
जीवन में गुरु स्थान महान।
गुरु ही हैं, मेरे जीवन की शान।।
एक गुरु माँ समान।
जीवन हुआ आपसे आसान।
हर क्षण सीखा आपसे बार-बार।
हर गलती पर भी मुझे मिला आपसे प्यार।।
एक गुरु पिता समान।
जीवन हुआ आपसे आसान।।
आपसे है,मेरी आन-बान।
आपसे ही सीखा,मैंने सभी का मान।।
एक गुरु मित्र समान।
जीवन हुआ तुमसे आसान।।
जीवन हुआ तुमसे व्यावहारिक।
तुमसे ही सीखा,जीना मैंने पारिवारिक।।
एक गुरु पुत्री समान।
जीवन हुआ तुमसे आसान।।
तुम पूर्वी हो मेरी प्रेरणास्त्रोत।
मेरे जीवन उन्नति का तुम ही हो,स्त्रोत।।
-रूपा व्यास,
पता-'परमाणु नगरी'रावतभाटा
जिला-चित्तौड़गढ़(राजस्थान)
मोबाईल न.-9461287867
ई-मेल-
rupa1988rbt@gmail.com
*स्वरचित व मौलिक*
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