मेरे माधव मेरे मनमोहन
तेरे दर्शन का अभिलाषी
हर पल तेरी बाट निहारूँ
बिन देखे आँखें है प्यासी
सांवरी सूरत हे मुरलीधर
देखत ही सब अघ कटें
भय के बादल छट जावें
सुख आवें सब दुःख हटें
रखना अनुग्रह मेरे प्रभु
प्राणों में बसना बन प्राण
सत्य जीवन हो परिष्कृत
करना स्वामी कल्याण।
श्रीकृष्णाय नमो नमः👏👏👏👏👏🌹🌹🌹🌹🌹
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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