सत्यप्रकाश पाण्डेय

चांद सितारों सी ज्योति 


जगमग किया है जीवन


हे युगलरूप ह्रदय भूप


तुमसे बड़ा न कोई धन


 


मोरमुकुट सिर शोभित


प्रभु कर में मुरली साजे


संत हिय के सौम्य हार


कण कण में छवि राजे


 


अवर्चनीय अनुरागनीय


अनन्त अभेद अभिराम


अमरपति अभिनन्दनीय


आजानु बाहु अभिधाम


 


ललित कीर्ति ललना की


सत्य लोचन करे निहाल


लिए लालिमा लाल की


सुख देते रहो नन्दलाल।


 


श्री युगलरूपाय नमो नमः💐💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏


 


सत्यप्रकाश पाण्डेय


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511