देवादिदेव महादेव.......
देवादिदेव महादेव,न देखा
कोई तुम जैसा अवढर दानी
आक धतूरे से ही रीझने वाले
तेरी नहीं कोई जग में सानी
सृष्टि हित में पी के हलाहल
नीलकंठ कहलाये स्वामिन
तुमसा कोई न भोले भंडारी
भस्मासुर को दे दिया कंगन
मान रखा भक्तों का तुमने
क्या नहीं किया देवों के देव
हे दिगम्बर हे बाघम्बर शम्भु
शिव सच में तुम हो महादेव
हे चन्द्रमौलि सिर गंग विराजे
ग्रीवा में विषधर शोभित हर
अंग अंग भस्मी से अलंकृत
फिर भी अनुपम रूप मनोहर
सब पर कृपा कैलाशपति की
रहे सत्य पर अनुराग तुम्हारा
हे महेश्वर जग मंगल कर्ता
हर पल रखना खयाल हमारा।
ॐ नमः शिवाय🙏🙏🙏🙏🙏🍁🍁🍁🍁🍁
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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