आज श्रावण कृष्ण अष्टमी के दूसरे सोमवार पर भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से प्रथमश्री सोमनाथ विवरण एवं महिमा के माध्यम से उनके चरण कमलों में श्रद्धा सुमन।
हे शिवशंकर से गंगाधर हे गौरी पति तुम्हें प्रणाम।
द्वादश ज्योतिर्लिंग आपके कष्ट विमोचक मुक्ति के धाम।
श्री सोमनाथ गुजरात प्रान्त ज्योर्तिलिंग प्रथम यह पावन।
स्नान कुंड का दर्शन पूजन कलुष विनाशी पाप नसावन।
होकर क्रोधित दक्ष चन्द्र को क्षय रोग ग्रसित हो श्राप दिया।
ब्रम्हादेश दुखी सोम ने मृत्युंजय शिव का जाप किया।
होकर प्रसन्न शिव प्रगट हुए चन्द्र मिली प्रभु कृपा की छाया।
कृष्ण पक्ष इक एक कला क्षय शुक्ल पक्ष वृद्धि वर पाया।
देवों की विनती पर शिव जी शुभ्र चन्द्र जिनके माथे पर।
मां संग ज्योतिर्लिंग रूप में स्थापित हुए जलधि के तट पर।
चरण कमल रज शीश धरूं नित पूजूं तुम्हें सदा निष्काम।
हे शिवशंकर हे गंगाधर हे गौरीपति तुम्हें प्रणाम।
सुरेन्द्र पाल मिश्र पूर्व निदेशक भारत सरकार।
फोन-९९५८६९१०७८,८८४०४७७९८३
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