आशुकवि नीरज अवस्थी

श्री गणेश चतुर्थी 2020


राधेश्यामी छन्द


 


हे महादेव के पूत गजानन मातु पार्वती के लाला। 


चरणों में विघ्नविनाशक के नीरज के शब्दों की माला। 


सब कार्य पूर्ण होते उनके जो मन से तुम्हे मनाते हैं ।


हे धूम्रवर्ण हे सूप कर्ण हम भजन आपके गाते हैं ।।


हे वक्रतुंड हे एकदंत कितने ही नाम तुम्हारे हैं।


हे विकटमेव हे लंबोदर भक्तों को अतिशय प्यारे हैं ।


संकट नाशक गणपति पूजा को श्रद्धा से जो नर करते ।


उनके सारे कष्टों को आकर स्वयं विनायक है हरते ।


जीवन में खुशियों का डेरा खुल जाता किस्मत का ताला।


चरणों में विघ्न विनाशक के नीरज के शब्दों की माला ।


हे महादेव के पूत गजानन मातु पार्वती के लाला। 


चरणों में विघ्न विनाशक के नीरज के शब्दों की माला



आशुकवि नीरज अवस्थी


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