लाल किले में फहराया था
तीन रंग का तिरंगा प्यारा ।
स्वतंत्रता पाई थी जब हमने
15 अगस्त का दिन था प्यारा।
आजादी पाने को वीरों ने
अपनी जान गंवाई थी ।
तभी तो देश में आजादी
15 अगस्त को पाई थी ।
लक्ष्मीबाई ने सबसे पहले
आजादी की लड़ी लड़ाई थी।
आजादी को पाने अंग्रेजों से
वो खूब लड़ी मर्दानी थी ।
स्वतंत्रता पाने को रानी ने
अपनी जान गंवाई थी ।
मशाल फूंकी थी आजादी
की वो झांसी की रानी थी ।
भगतसिंह,सुभाषचन्द्र ने
आगे की राह दिखाई थी।
चन्द्रशेखर आजाद ने भी
आजादी की विगुल बजाई थी।
राजगुरू सुखदेव ने भी
मिलकर लड़ी लड़ाई थी ।
ऐसे वीर योद्धाओं ने
अंग्रेजों की नींद उड़ाई थी।
ऐसे वीर योद्धाओं ने देश
को आजादी दिलाई थी ।
फांसी पर चढ़कर भी
अपनी जान गंवाई थी ।
15 अगस्त 1947 को
स्वतंत्रता हमने पाई थी ।
सारा सच तो यही है भाई
वीरों ने जान गंवाई थी ।
जन्माष्टमी के दिन भगवान
कृष्ण की खुशियां भी मनाई थी।
सभी देश भक्तों ने मिलकर
जन्माष्टमी खूब मनाई थी ।
वीर शहीदों की कुर्बानी को
याद करके फिर दोहरानी है ।
स्वतंत्रता दिवस के शुभ दिन
को तिरंगी की शान बढ़ानी है ।
अनन्तराम चौबे अनन्त
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