अनन्तराम चौबे अनन्त

लाल किले में फहराया था


तीन रंग का तिरंगा प्यारा ।


स्वतंत्रता पाई थी जब हमने


15 अगस्त का दिन था प्यारा।


 


आजादी पाने को वीरों ने


अपनी जान गंवाई थी ।


तभी तो देश में आजादी


15 अगस्त को पाई थी ।


 


लक्ष्मीबाई ने सबसे पहले


आजादी की लड़ी लड़ाई थी।


आजादी को पाने अंग्रेजों से


वो खूब लड़ी मर्दानी थी ।


 


स्वतंत्रता पाने को रानी ने


अपनी जान गंवाई थी ।


मशाल फूंकी थी आजादी 


की वो झांसी की रानी थी ।


 


भगतसिंह,सुभाषचन्द्र ने


आगे की राह दिखाई थी।


चन्द्रशेखर आजाद ने भी


आजादी की विगुल बजाई थी।


 


राजगुरू सुखदेव ने भी


मिलकर लड़ी लड़ाई थी ।


ऐसे वीर योद्धाओं ने


अंग्रेजों की नींद उड़ाई थी।


 


ऐसे वीर योद्धाओं ने देश


को आजादी दिलाई थी ।


फांसी पर चढ़कर भी


अपनी जान गंवाई थी ।


 


15 अगस्त 1947 को


स्वतंत्रता हमने पाई थी ।


सारा सच तो यही है भाई


वीरों ने जान गंवाई थी ।


 


जन्माष्टमी के दिन भगवान


कृष्ण की खुशियां भी मनाई थी।


सभी देश भक्तों ने मिलकर


जन्माष्टमी खूब मनाई थी ।


 


वीर शहीदों की कुर्बानी को


याद करके फिर दोहरानी है ।


स्वतंत्रता दिवस के शुभ दिन


को तिरंगी की शान बढ़ानी है ।


 


 अनन्तराम चौबे अनन्त


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...