अर्चना बामनगया

रक्त शिराओं में बहता


भारत का स्वाभिमान है।


मैं उस भारत की बेटी हूँ


जहां जन्म लिए भगवान हैं।


पतित - पावनी धरती इस पर


महापुरुषों ने जन्म लिया।


शौर्य और साहस के बल पर


भारत को आजाद किया।


लाज तिरंगे की खातिर


कुर्बान हुए कई प्राण है।


मैं उस भारत की बेटी हूँ - - - - -


हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई


आपस में भाई भाई हैं।


इसके वीरों की गाथा


जन जन के मन में छाई है।


कभी दिवाली कभी ईद


कभी होली के त्योहार है


मैं उस भारत की बेटी हूँ - - - - -


गंगा यमुना सरस्वती


तन मन को पावन करती है।


तपोभूमि यह रिषि मुनियों की


रामायण को पढती है।


इस धरती की गोद में खेले


राम कृष्ण भगवान हैं।


मैं उस भारत की बेटी हूं - - - -


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