अर्चना द्विवेदी

दुश्मन की टोली में छाया,


हर सीमा पर हाहाकार।


भारत के वीरों ने दी है,


कायर बैरी को ललकार।।


 


माँ को आँख उठा यदि देखा,


देंगे तेरी आँख निकाल।


मत चल अब शतरंजी चालें,


सिंहों ने भर ली हुंकार।।


 


बच्चा-बच्चा वीर शिवाजी, 


माटी में पलते आज़ाद।


शस्त्र उठा लेती जब नारी,


दुर्गा बन करती संहार।।


 


क्रोध में हम दुर्वासा जैसे,


दया भावना में प्रभु राम।


कायरता तेरी रग-रग में,


अब ले परशुराम का वार।।


 


बलिदानों की अमर कहानी,


गूँज रही चहुँ दिशि आकाश।


नमन करे हर भारत वासी,


यश गाये नित ये संसार।।


 


अमर रहा है,अमर रहेगा,


मानचित्र में हिंदुस्तान।


जिसने जन्म यहाँ पाया है,


मानो देवों का उपहार।।


          अर्चना द्विवेदी


              अयोध्या उत्तरप्रदेश


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