अवधेश कुमार वर्मा कुमार

क्या है देशप्रेम?


कभी सोचा!कभी कोशिश की


अन्तर्मन में समझने की?


देशप्रेम का मतलब


क्यों लगाते हैं हम 


मात्र सैनिकों से!


सीमा पर डटे जवानों से?


क्या हमारा कोई फर्ज नही ?


वास्तव मे हमारी दृष्टि 


नही है सही।


अरे!


हम सभी है देशभक्त,


दिखा सकते हैं 


सच्चा राष्ट्रप्रेम !


बना सकते हैं 


देश को महान,


विश्व का सिरमौर।


हमारे धर्म,जाति,लिंग 


भले हो अलग।


अमीर-गरीब,शिक्षित-अशिक्षित


का दंभ छोड़,


दिखायें देशभक्ति


अपने सत्कर्मों से।


भ्रष्टाचारी कौन है?


कौन है उपद्रवी,बेईमान?


कौन है कानूनों को तोड़ने वाला,


देश को गन्दा करने वाला ?


मजहब के नाम पर धन्धा


करने वाला ?


हम ही हैं,हम सब हैं,


कहीं ना कहीं


उसके जिम्मेदार।


आओ हम करें बदलाव


जहाँ हैं ,जिस पद पर हैं।


शासक,प्रशासक,नेता,व्यापारी, शिक्षक,धर्मज्ञ,छात्र,किसान,


या फिर अदना इंसान।


निःस्वार्थ करे आह्वान


खत्म हो दूषित मानसिकता,


करे स्वच्छ वातावरण का निर्माण।


तभी होगा सच


स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत


का सपना,


होगा यह भी राष्ट्रप्रेम,


तभी बनेगा 'भारत'


फिर विश्व का सिरमौर !!


 


-अवधेश कुमार वर्मा 'कुमार'©®


    महराजगंज {उ0प्र0}।


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