डाॅ0 उषा पाण्डेय 

फौजी भाई सीमा पर, 


करते दुश्मन को बेहाल।


तभी तो रहते हम खुशहाल ।


तभी तो रहते हम खुशहाल।


 


अपनी जान जोखिम में डालकर,


हम सबकी जान बचाते हैं।


हौसले अपने बुलंद रख कर,


आगे ही बढ़ते जाते हैं।


हम सब के लिए ये हैं मिसाल


तभी तो रहते हम खुशहाल।


 


चाहे जितनी गर्मी, ठण्डी हो,


ये परवाह नहीं करते।


सीना ताने खड़े रहते हैं,


तनिक भी नहीं डरते।


बनते ये हम सबकी ढाल, 


तभी तो रहते हम खुशहाल।


 


असहनीय दर्द ये सहते हैं,


पर, 'उफ्' कभी नहीं करते।


सोने के लिए बिस्तर हो, न हो,


परवाह कभी नहीं करते।


देश को रखते हैं संभाल,


तभी तो रहते हम खुशहाल।


 


हमारी तरह ये भी इंसान है,


पर हम सबसे महान हैं।


हम देशवासियों के लिए, 


ये धरती पर भगवान हैं।


दिल होता इनका विशाल,


तभी तो रहते हम खुशहाल ।


 


आइए, हम सब मिल कर


इनके लिए प्रार्थना करें।


प्रभु इन पर कृपा करें,


प्रभु इनकी रक्षा करें।


करते रहते ये कमाल


तभी तो रहते हम खुशहाल ।


 


फौजी भाई, सीमा पर,


करते दुश्मन को बेहाल ।


तभी तो रहते हम खुशहाल ।


तभी तो रहते हम खुशहाल।


 


डाॅ0 उषा पाण्डेय 


स्वरचित


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