तिरंगा राष्ट्र का तो मान है|
वतन पर मर मिटा जाना शान है |
सपूतों की बदौलत पाया इसे
ये मातृभूमि वीरों की खान है |
करो या फिर मरो नारा दिया
ये आजादी दिला दूं दी जान है |
मरे थे वे बचाने निज देश को
बचाई भारती की जो आन है|
नशे से देश जब होगा मुक्त तो
बिखेरेगें सुरों की तब तान है |
लडे़ रणवीर भारत खातिर सदा
वो केसरिया ही पहना परिधान है |
सभी दीपा दिखे स्वतंत्र यहाँ
तभी भारत यहाँ लगता महान है |
दीपा परिहार दीप्ति
जोधपुर (राज)
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