"मैं कश्मीर हूँ
धरती का स्वर्ग इंडिया का जन्नत हिंदुस्तान का तकदीर हूँ
मैं कश्मीर हूँ,मैं कश्मीर हूं
था धाराओं के जंजीरों में जकड़ा हुआ स्वार्थी तत्वों के द्वारा लूटा हुआ
अब मैं आजाद धीर भीर गंभीर हूं
मैं कश्मीर हूँ,मैं कश्मीर हूँ
उत्तर- दक्षिण,पूरब-पश्चिमभजन
सब हैं मेरे भाई बहन
मैं भारत माँ का लाडला बेटा हीर हूँ
मैं कश्मीर हूं,मैं कश्मीर हूँ
सेव और अखरोट की
हरी-भरी हैं वादीयाँ
बर्फ से ढकी सफेद चोटियाँ
यौवन करता है यहाँ अठखेलियाँ
रंग बिरंगे फूलों की है क्यारियां
केसर का अनमोल
सुगंध युक्त समीर हूँ
मैं कश्मीर हूँ ,मैं कश्मीर हूँ
डल झील का शिकारा
गुलमर्ग का नजारा
आसमा से बातें करता
देवदार और चीनारा
विस्थापितों का दुख दर्द और पीर हूँ
मैं कश्मीर हूं ,मैं कश्मीर हूँ
किसी शायर की गजल हूं
किसी झील का कंवल हूं
पंच नदियों का मैं निर्मल नीर हूं
मैं कश्मीर हूं,मैं कश्मीर हूँ
हिफाजत में मेरे जो शहीद हुए
उन वीर जवान शहीदों के
गले का मुक्ता हार हूँ
मैं कश्मीर हूँ, मैं कश्मीर हूँ
देखे जो मुझे प्यार से
उसके लिए मैं फुल हूं
तिरछी नजर वालों के लिए
मैं तेज शमशीर हूं
मैं कश्मीर हूं, दिनेश मैं कश्मीर हूं
मैं कश्मीर हूँ, मैं कश्मीर हूँ
दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" कलकत्ता
DC-119/4,स्ट्रीट न.310,न्यूटाउन,
कलकत्ता-700156
मोबाईल. 9434758093
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