हार के उस पार चलूं
संग फिर आधार चलूं
रिश्ते नाते छोड़ चलूं मैं
बंधन सारे तोड़ चलूं मैं
आ तेरे साथ चलूं मैं
लोभ मोह सब मार चलूं
हार के उस पार चलूं-1
तन की पीड़ा त्याग चलूं मैं
जीवन बीड़ा त्याग चलूं मैं
चंचल मन मार चलूं मैं
ले के कर्मों का सार चलूं
हार के उस पार चलूं-2
दिन को चलूं रात चलूं मैं
बात चलूं बे बात चलूं मैं
लिया जो "कर" चुकता चलूं मैं
छोड़ना कोई उधार चलूं
हार के उस पार चलूं-3
क्यों देह धर बेकार चलूं मैं
किस से चाल पर चाल चलूं मैं
औरों से क्या विचार चलूं मैं
आ संग दे छोड अंधकार चलूं
हार के उस पार चलूं -4
छोड़ भंवर बाहर चलूं मैं
क्यों प्रिय बेकार चलूं मैं
छोड़ ये मझधार चलूं मैं
आं शून्य के पार चलूं
हार के उस पार चलूं-5
थाम हाथ संग ले चल साकी
सामना तेरा मेरा अभी है बाकी
इस धार से उस आधार चलूं
हार के उस पार चलूं-6
डॉ बीके शर्मा
उच्चैन भरतपुर राजस्थान
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