डॉ बीके शर्मा 

हार के उस पार चलूं


संग फिर आधार चलूं


रिश्ते नाते छोड़ चलूं मैं


बंधन सारे तोड़ चलूं मैं 


आ तेरे साथ चलूं मैं 


लोभ मोह सब मार चलूं


हार के उस पार चलूं-1


 


तन की पीड़ा त्याग चलूं मैं


जीवन बीड़ा त्याग चलूं मैं


चंचल मन मार चलूं मैं 


ले के कर्मों का सार चलूं 


हार के उस पार चलूं-2


 


दिन को चलूं रात चलूं मैं


बात चलूं बे बात चलूं मैं 


लिया जो "कर" चुकता चलूं मैं 


छोड़ना कोई उधार चलूं 


हार के उस पार चलूं-3


 


 क्यों देह धर बेकार चलूं मैं 


किस से चाल पर चाल चलूं मैं 


औरों से क्या विचार चलूं मैं 


आ संग दे छोड अंधकार चलूं


 हार के उस पार चलूं -4


 


छोड़ भंवर बाहर चलूं मैं 


क्यों प्रिय बेकार चलूं मैं 


छोड़ ये मझधार चलूं मैं


आं शून्य के पार चलूं


हार के उस पार चलूं-5


 


थाम हाथ संग ले चल साकी 


सामना तेरा मेरा अभी है बाकी 


इस धार से उस आधार चलूं 


हार के उस पार चलूं-6 


 


 डॉ बीके शर्मा 


उच्चैन भरतपुर राजस्थान


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