अर्जुन उवाच
आप हैं शांत हैं
आप ही आधार हैं
आप ही परम हैं
आप ही विचार हैं-1
आप ही मनन हैं
आप ही पठन हैं
आप ही निरंतर
आप ही चिंतन हैं-2
आप ही कर्ता हैं
आप ही प्रधान हैं
आप ही सुगम हैं
आप ही महान हैं-3
आप ही रहस्य हैं
आप ही अर्थ हैं
आप ही तत्व हैं
आप ही समर्थ हैं-4
आप से कर्म हैं
आप से धर्म हैं
आप तो अनंत हैं
आपसे ही मर्म हैं-5
आप मेघ वर्ण हैं
आप ही परिणाम हैं
आप तो अजय हैं
आप से ही नाम है-6
आप से ही तन है
आप से ही मन है
आपसे ही जीव है
आप से ही जन है-7
आप से ही वेद हैं
आपसे ही ज्ञान है
आप परम पुरुष हैं
आप में ही ध्यान है-8
आप तो पिता हैं
हम संतान हैं
आप तो ज्ञाता हैं
हम अनजान हैं-9
आप ही सीता हैं
आप ही राम हैं
आप ही राधा हैं
आप ही श्याम हैं-10
डॉ बीके शर्मा
उच्चैन भरतपुर राजस्थान
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