डॉ बीके शर्मा 

 अर्जुन उवाच


 


आप हैं शांत हैं 


आप ही आधार हैं 


आप ही परम हैं


आप ही विचार हैं-1


 


आप ही मनन हैं 


आप ही पठन हैं 


आप ही निरंतर 


आप ही चिंतन हैं-2


 


आप ही कर्ता हैं


आप ही प्रधान हैं 


आप ही सुगम हैं 


आप ही महान हैं-3


 


आप ही रहस्य हैं 


आप ही अर्थ हैं 


आप ही तत्व हैं


आप ही समर्थ हैं-4


 


आप से कर्म हैं


आप से धर्म हैं 


आप तो अनंत हैं 


आपसे ही मर्म हैं-5


 


आप मेघ वर्ण हैं


आप ही परिणाम हैं


आप तो अजय हैं 


आप से ही नाम है-6


 


आप से ही तन है 


आप से ही मन है 


आपसे ही जीव है 


आप से ही जन है-7


 


आप से ही वेद हैं 


आपसे ही ज्ञान है 


आप परम पुरुष हैं


आप में ही ध्यान है-8


 


आप तो पिता हैं


 हम संतान हैं 


आप तो ज्ञाता हैं 


हम अनजान हैं-9


 


आप ही सीता हैं 


आप ही राम हैं 


आप ही राधा हैं


आप ही श्याम हैं-10


 


 डॉ बीके शर्मा 


उच्चैन भरतपुर राजस्थान


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