डॉ० प्रभुनाथ गुप्त 'विवश' 

श्रीराम भूमि पूजन पर विशेष


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       जय श्रीराम..... एक गीत 


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नव किसलय नव कली खिली, 


बेला, चम्पा, हरसिंगार लिली।


 


नव प्रभात के नवल रश्मि में,


श्री नरेन्द्राजय चले महाबली।


 


चिड़ियों का कलरव गूँज उठा, 


सर में सरोज की खिली कली। 


 


नीहार नहायी टटकी पंखुड़ियाँ,


सब आपस में हैं हिली-मिलीं।


 


निज शैया से उठ उषा सुन्दरी,


तम हर कर मन मुदित चली। 


 


हर-हर महादेव की जय-जय, 


सब करते मंदिर में पुष्पांजलि।


 


शताब्दि अवधि बाद अवध में,


सब सियाराम मय गली-गली।


 


चरण कमल श्रीराम का धोने, 


कल-कल सरयू की धार चली।


 


हर्षित जन-मन उत्साहित सब,


सखि दर्शन को कर श्रृंगार चली।


 


मौलिक रचना -


डॉ० प्रभुनाथ गुप्त 'विवश' 


(सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेलवा खुर्द, लक्ष्मीपुर, जनपद- महराजगंज, उ० प्र०)


मो० नं० 9919886297


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