प्रेम की पराकाष्ठा
सुन्दर सृजन
श्लील वदन
पावन मन
सात्विक धन
आत्मिक उद्गार
धार्मिक बहार
शुद्ध भावों की बयार
दिलों पर नैतिक अधिकार
समर्पण
निष्कामीकरण
आत्मदर्पण
हार्दिक आकर्षण
नि:स्वार्थता
परमार्थता
व्यापकता
सार्वभौमिकता
ज्ञान-वौराग्य का अधिगम
सद्भावों का संगम
भक्ति का आगम
इति शुभम
एकाकृति
नैसर्गिक प्रकृति
एक ध्यान
संपूर्ण सम्मान
समादर
स्वाति नक्षत्र का वादर
जीवनाधार
संगीत का शिष्टाचार
मनोहर सुर-ताल
शुभ काल
परम शान्ति
पीत-क्रांति
सर्वसिद्धि योग
निरोग
आकर्षण
परम हर्षण
सहनशीलता
शीतलता
मृदुता
अमृता
सबका श्रेष्ठ भण्डारण
प्रेम का दिव्य उच्चारण।
डॉ0 रामबली मिश्र हरिहरपुरी
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