कुछ ऐसा करो कि जीवन यादों
की सौगात बन जाये।।
सफर में मुश्किलें चाहे
हज़ार क्यों न हों।
रास्तों में तकलीफों की
भरमार क्यों न हो।।
धारा के विपरीत ही तो
है चलना परीक्षा।
फिर चाहे कठनाईयों की
ही बौछार क्यों न हो।।
एक दिन तेरा भी जीवन
अतीत हो जायेगा।
होंगें कर्म अच्छे तो यादों
का गीत हो जायेगा।।
रहेगा घात प्रतिघात ही
जीवन में सदा।
बस मिलकर जमीं में मिट्टी
सा प्रतीत हो जायेगा।।
बनोगेअच्छे तो एक अनमोल
सौगात हो जायोगे।
बाद जीवन के भी तुम यादों
की बारात हो जायोगे।।
रहेगा जब जीवन में नफरतों
का कुछ घाल मेल।
जान लो तुम फिर एक भूली
बिसरी बात हो जायोगे।।
एस के कपूर श्री हंस
बरेली।
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