नमन है उन शहीदों को जो,
देश पर कुरबान हो गए।
वतन के लिए देकर जान,
वो बेजुबान हो गए ।।
उनके प्राणों की कीमत से,
ही सुरक्षित है देश हमारा।
उठ कर जमीन से ऊपर,
वो जैसे आसमान हो गए।।
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अब आर हो या पार हो,
बंद नरसंहार हो।
हर वार का जवाब वार,
अब लगातार हो।।
मिट जाये नक्शे से ही,
नाम विवाद का।
कुछ ऐसा कठोर प्रहार,
अबकी बार हो।।
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गलवान घाटी में दिखा कर,
ऐसी तू अराजकता।
मत खुश हो कि शर्मसार,
करके तू मानवता।।
नहीं जायेगा व्यर्थ कभी ये,
बलिदान शहीदों का।
होगा ऐसा प्रहार कि ना दिखा,
पायेगा तू दानवता।।
एस के कपूर श्री हंस
बरेली
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