करावास में जन्म लिया और
कंस का तुमने नाश किया।
भागवत गीता का दिया उपदेश
कौरवों का भी विनाश किया।।
रच कर रासलीला भी तुम तो
निच्छल प्रेम प्रतीक बने।
लेकर अवतार विष्णु का द्वापर
में सृष्टि का नवविन्यास किया।।
बने गोवर्धन धारी वृंदावन को
बचाया था इंद्र वर्षा से।
बन कर भी द्वारिकाधीश मिले
सुदामा को हर्षा से।।
अखिल ब्रह्मांड आलोकित हुआ
प्रेम व्यवस्था से तुम्हारी।
कोई भी भयभीत न हुआ तुम्हारी
नीति न्याय निष्कर्षा से।।
बन कर बाल गोपाल माखन लीला
से यशोदा को आनंदित किया।
वासुदेव देवकी स्वप्न को भी मानव
जीवन से जीवंत जिया।।
असुरों का भी नाश किया धरती पर
बन कर सुदर्शन चक्रधारी।
राधा रुक्मिणी सोलह हजार नारियों
का भी उद्धार सीमांत लिया।।
बन कर अर्जुन के सारथी लड़ी थी
महाभारत की लड़ाई।
देकर नारायणी सेना कौरवों को भी
करी न्याय की सुनवाई।।
सोलह कलाओं से सम्पूर्ण व्यक्तित्व
दर्शाया जगत को आपने।
आज श्री कृष्ण अवतरण दिवस पर
जन्माष्टमी की बधाई।।
एस के कपूर श्री हंस बरेली
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