*जीवन के रंग अनेक।।।।।।*
*विविध हाइकु।।।।।।।।।।।।*
1
हुई है भूल
समझे फूल पर
निकले शूल
2
अब तो नारी
पुरुष पर भारी
नहीं बेचारी
3
लोहे को लोहा
काटे पर मरता
जंग से लोहा
4
जन्म मरण
निचोड़ जीवन का
कर्म ही धर्म
5
काया ओ माया
सब यहीं रहेगी
पा प्रभु साया
6
तेरा या मेरा
सब यहीं रहेगा
जाना अकेला
7
जीवन खेला
आशा ओ विश्वास
नहीं तो रेला
8
शरद अंत
छाने से लगे रंग
ऋतु बसंत
9
आर या पार
नहीं मिलें विचार
छोड़ दें यार
10
बिखरे रंग
करिश्मे कुदरत
प्रक्रति संग
11
यह मुखौटा
चेहरे पे चेहरा
है दिल खोटा
12
गठ बंधन
स्वार्थ की ये दोस्ती है
बन नन्दन
13
प्रभु की भक्ति
नर सेवा इससे
मिलती शक्ति
14
यह गलती
मिटता ये अहम
तब दिखती
15
मेरे अपने
दिल के ये टुकड़े
मेरे सपने
16
ये मेहमान
चार दिन की बस
जिन्दगी नाम
17
ये कलाकार
बदले किरदार
हैं फनकार
18
पैसा ओ पैसा
आज बन गया है
जीवन ऐसा
19
यह सुविधा
नहीं मिलती जब
बढे दुविधा
20
ये आसमान
सोचो करो बड़ा हो
तेरा मुकाम
*रचयिता।।।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली*
*मोबाइल।* 9897071046
8218685464
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