एस के कपूर श्री हंस बरेली।

शीर्षक- बच्चों को चमक ही


चमक नहीं , रोशनी चाहिये।


 


बच्चों को मंहगे त्यौहार नहीं,


उन्हें संस्कार दीजिये।


उनको अपनी अच्छी सीखों,


का उपहार दीजिये।।


आधुनिक खिलौने तो ठीक है,


परन्तु उनके लिए तो।


कैसे करें बड़ों से बात वह,


उचित व्यवहार दीजिये।।


 


बच्चों को अभिमान नहीं,


स्वाभिमान सिखाइये।


आलस्य नहीं गुण उनको,


काम के बताइये।।


बच्चों को चमक ही चमक,


नहीं चाहिये रोशनी।


दिखावा नहीं आदर आशीर्वाद,


का गुणगान दिखाइये।।


 


बच्चों को भी सिखाइये कैसे,


बनना है आत्मनिर्भर।


प्रारम्भ से ही बताइये कैसे,


चलना है जीवन सफर।।


अच्छी आदतें पड़ती हैं अभी,


कच्ची मिट्टी में ही।


जरूर सुनाइये कहानी साहस, 


की दूर करना उनका डर।।


 


नींव ही समय है बनने को,


बुलंद इमारत का।


कैसी होगी आगे की जिन्दगी,


उस इबारत का।।


आगे बढ़ने के गुण डालिये शुरू,


से ही भीतर उनके।


वह शुरू से ही पाठ पढ़ें मेहनत,


और शराफत का।।


 


रचयिता। एस के कपूर श्री हंस


बरेली।


मो 9897071046


               8218685464


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