ये स्वतंत्रता दिवस
दूर हुई अमावस
शत्रु को करा विवश
माँ तुझको प्रणाम
आज़ादी का यह दिन
व्यर्थ है एकता बिन
स्वाभिमान का ये चिन्ह
माँ तुझको सलाम
आज़ादी हमने पायी
संघर्षों की गाथा गाई
साहस शक्ति दिखाई
माँ तेरा ही सम्मान
दूर हुई ये गुलामी
आज़ादी पाई निशानी
बलिदान की कहानी
माँ यही अरमान
स्वाधीनता का संग्राम
आज़ादी दूसरा नाम
जन जन किया काम
पाया आत्म सम्मान
आज़ादी का आंदोलन
न्योछावर किया तन
तभी आया यह क्षण
आया आज़ादी नाम
निडर निर्भीक देश
हर भाषा और वेश
बांधे ये विजयी केश
*लाया यह अंजाम*
यह जय जय घोष
दमन किया वो रोष
जीत कर ही संतोष
सुनाया जीत गान
एस के कपूर श्री हंस
बरेली।
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