सफर जारी रखो जिन्दगी
की तस्वीर बदलने को।
अभी सफर में हूँ कि अभी
बहुत दूर जाना है।
जिन्दगी को दिये कई वादों
को निभाना है।।
पूरे करने हैं हर अधूरे से
अरमान दिल के।
ऊपर ऊंचे आसमां को छू
कर भी आना है।।
मशाल बन कर दुनिया के
लिये बेमिसाल बनना है।
रास्ता दिखाना औरों को कि
एक मिसाल गढ़ना है।।
देश की तकदीर तस्वीर बदलने
में हिस्सेदारी है निभानी।
लकीर से हट कर कुछ काम
नया करना है।।
चीर कर अंधेरों को आशा की
नई किरण जगानी है।
हर भोर हमें कुछ नई सुनहरी
सी धुन सुनानी है।।
कर लिया काफी पर अभी भी
है काम बाकी बहुत।
मिलकर एक नई सी स्वर्णिम
दुनिया बनानी है।।
एस के कपूर श्री हंस
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