एस के कपूर श्री हंस

अवधपुरी में हे राम तुम्हारा


बहुत स्वागत है।


वर्ष पाँच सौ पश्चात तुम्हारी


हुई यहाँ पर आगत है।।


करोडों की आस्था के जन


नायक हैं श्री राम।


भारत जन जन का विश्वास


ही मंदिर की लागत है।।


 


भव्य विशाल मंदिर का अब


सुंदर आकार होगा।


जो करोड़ों जन जन की


आस्था का आधार होगा।।


पुरातन संस्कार संस्कृति का


केंद्र होगा राम मंदिर।


भारतीय आस्था का दिव्य


स्वप्न अब साकार होगा।।


 


प्रभुराम तेरा वनवास लंबा था


मगर यह कट गया।


राम लला विराजमान आखिर


यह त्रिपाल हट गया।।


त्रेतायुग समान पुनः सूर्य उदय


होगा अयोध्या में।


भूमि पूजन के साथ ही मंदिर


निर्माण काम में डट गया।।


 


हमारी सांस्कृतिक विरासत


अब संसार देखेगा।


हमारी पौराणिक मान्यतायों


का मूर्त आकार देखेगा।।


नई पीढ़ी परिचित होगी


भारतीय इतिहास से।


अब हर कोई विश्व गुरु भारत


का लक्ष्य साकार देखेगा।।


 


एस के कपूर श्री हंस


बरेली।


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