काव्यकुल संस्थान समाचार, रामांजलि

काव्यकुल संस्थान की काव्यात्मक रामांजलि में लगी भक्ति की डुबकी


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काव्यकुल संस्थान(पंजी) द्वारा ऑनलाइन "अंतरराष्ट्रीय काव्यात्मक रामांजलि" का आयोजन संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजीव पाण्डेय के संयोजन में किया गया जिसमें देश विदेश के तीस कवि एवं कवयित्रियों द्वारा भाव पूर्ण प्रस्तुति दी गयी। भारत अफ्रीका फिलीपींस के कलमकारों से सजे काव्य समारोह में प्रभु राम और राम मंदिर विषय पर केंद्रित ही रचनाओं का पाठ किया गया।


इस प्रकार के अनूठे आयोजन में अयोध्या मथुरा काशी तीनों धार्मिक केंद्रो के कवियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।


रामांजली काव्य अनुष्ठान की अध्यक्षता दिल्ली के वरिष्ठ गीतकार ओंकार त्रिपाठी ने की।उन्होंने अपने कविता पाठ में कहा


आओ शबरी के राम, तुम्हारा अभिनंदन।


हे मर्यादा के धाम, तुम्हारा अभिनंदन।


 आओ मिल दीप जलाएं अब, 


घर सुन्दर भव्य बनाएं अब,


कर रामलला का राज तिलक,


सिंहासन उन्हें बिठाएं अब।


 


तंजानिया (अफ्रीका)से कवि सी ए अजय गोयल की इन पंक्तियों को खूब वाहवाही मिली


हो नभ से पुष्प वर्षा, सुर दुन्दुभि बजाएं


भू पूजने को बृह्मा अवतार धर के आएं


प्रभु का महल हो ऐसा सारे महल लजाएं


खुद आके विश्वकर्मा बैकुण्ठ सा सजाएं।


संस्था के अध्यक्ष डॉ राजीव पाण्डेय ने राममंदिर पर यह गीत पढ़कर ओज का संचार किया।


जो आंखों में अभिलाषा थी, उसको पंख मिलेंगे अब।


उस मंदिर के शिखर शिखर पर भगवा ध्वज फहरेंगे अब।


कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान करते हुए मंडला मध्यप्रदेश से वरिष्ठ गीतकार प्रो डॉ शरद नारायन खरे ने लोक भाषा में शानदार गीत पढ़कर मन जीत लिया।


मनीला फिलीपींस की कवयित्री अनुपमा सिंह ने राम के चरित्र पर कोमल संवेदना की कविता पढ़ी। जिसे काफी सराहना मिली।


वारणसी से देश के बडे गीतकार डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश की इन पंक्तियों ने वातावरण को राममय कर दिया


राम जी दशरथ नन्दन हैं,


शांति के सुख के स्यंदन हैं


राम साकार ईश के रूप


करते उनका वंदन हैं।


 अहमदाबाद से आत्म प्रकाश कुमार की ये पंक्तियां काफी सराही गयी


अब बनेगा भव्य मंदिर राम का।


नाम होगा अब अयोध्या धाम का।


मथुरा के रबेन्द्र पाल रसिक ने कहा


बाबरी परम्परा की बाबरी कुरीति मिटा


स्वाभिमान देश का बढ़ने को जा रहा।


मेरठ से राजकुमार शर्मा राज ने मुक्तक के माध्यम से कहा


 


राम हैं योद्धा सुभट,है अयोध्या श्री राम की।


यश,कीर्ति, वैभव, सम्पदा, युगपुरोधा श्री राम की।।


मुरादाबाद से राजीव गुर्जर की राम महिमा की पंक्तियां बहुत सराही गयी


राम-राह पर हम चल पाए


ऐसा वर दो मुक्तिधाम 


जीवनदाता कृपा करना


नमन सियवर जय श्री राम


अयोध्या से राजेश मिश्रा नवोदयी की रामभक्ति की कजरी ने वातावरण राममय कर दिया


 


पतित पावन अयोध्या नगरी नाम है.... राम जी का धाम है जी....


बहती सरयू नदी पावन, प्रकृति मनोहर लुभावन... जहां राम राम गूंजे आठोयाम है... राम जी का धाम है जी...


मुम्बई महाराष्ट्र डॉ हरिदत्त गौतम अमर ने सुन्दर गीत में कल्पना के स्वर भर दिए


हम कितने सौभाग्यवान जो घड़ी दिव्य पाई


राम लला का मन्दिर बनता देता दिखलाई


पुरी अयोध्या दुल्हन जैसी सज धज इतराई


वाल्मीकि के श्लोक मुग्ध तुलसी की चौपाई।


दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ अंजू अग्रवाल ने कहा


क्या प्रमाण दूं राम का


 कैसा प्रमाण दूं राम का ।


 पहले तुम रामायण पढ़ो 


उसके सातों कांड पढ़ो


फिर सारे वेद पुराण पढ़ो


फिर आचार्यों से 


 शास्त्रार्थ करो


तब मांगना तुम प्रमाण।


गाजियाबाद से इंजीनियर अशोक राठौर ने सस्वर कण्ठ से मुक्तक पढ़ते हुए अपनी रामन्जली इस प्रकार दी


दिया राम को वचन निभाता हिन्दुस्तान !


मंदिर का निर्माण कराता हिन्दुस्तान !


शिलान्यास की करी घोषणा दिल्ली ने,


बार--बार आभार जताता हिन्दुस्तान !


गाजियाबाद से डॉ उदीशा शर्मा ने कहा राम शत में राम तप में राम कण कण में।


दिल्ली से गीतकार शायर डॉ रामनिवास इंडिया के छ्न्द में कहा


' धर्म मर्यादा के उदाहरण हमारे प्रभु


आस्था और विस्वास के प्रतीक श्रीराम हैं।


लखनऊ से राजेश सिंह ने क्या खूब सजी नगरी गीत पढ़कर मन मोह लिया।


अहमदाबाद गुजरात से काव्यकुल संस्थान की प्रदेश अध्यक्ष नलिनी शर्मा कृष्ण ने बधाई गीत 'बधाई हो बधाई हो,हे राम तुम्हें बधाई हो।


कानपुर से लक्ष्मी शर्मा श्री,रांची झारखंड से डॉ रजनी शर्मा चंदा, छत्तीसगढ़ से संजय बहिदार , गाजियाबाद से आचार्य प्रद्योत पाराशर, मिथिलेश गुप्ता हर्ष,आगरा से प्रेमलता मिश्रा वीर,अहमदाबाद से डॉ गुलाब चंद पटेल,गोधरा गुजरात से प्रो डॉ दिवाकर दिनेश गौड़,कासगंज से डॉ रामप्रकाश पथिक, हनुमान गढ़ राजस्थान से शंकर लाल जांगिड़,आदि कवियों की काव्यात्मक रामांजली ने वातावरण को राममय कर दिया।


इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन का शुभारंभ डॉ उदीसा शर्मा की वाणी वन्दना से हुआ। अयोध्या से डॉ हरिनाथ मिश्र ने मंगलाचरण की चौपाई पढ़ी।कार्यक्रम के संयोजक डॉ राजीव ने इस भव्य समारोह का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन किया।


प्रेषक 


डॉ राजीव पाण्डेय


राष्ट्रीय अध्यक्ष


पंजी)


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