प्रेम क्या है
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प्रेम आराधना है
प्रेम उपासना है
प्रेम अनुराग है
प्रेम स्नेह है
प्रेम गंगा जल है
प्रेम शबरी के बेर है
प्रेम प्रयागराज है
प्रेम रामायण है
प्रेम गीता है
प्रेम आचरण है
प्रेम व्यवहार है
प्रेम आखें है
प्रेम सत्संग है
प्रेम आरती है
प्रेम पूजा है
प्रेम गायत्री है
प्रेम गुरु ग्रंथ है
प्रेम पीपल वृक्ष है
प्रेम सबेरा है
प्रेम ठंडी हवा है
प्रेम फूल है
प्रेम फूलों की खूश्बू है
प्रेम व्यवहार है
प्रेम के बिना
जीवन का
कोई अर्थ नहीं है
जीवन की
सार्थकता
बस प्रेम में है।।
कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखण्ड
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