काव्य रंगोली आज के सम्मानित रचनाकार विजय मेहंदी मड़ियाहूँ,जौनपु


विशिष्ट कवि व गीतकार


"स्वदेश संस्थान भारत" के वार्षिक संरक्षक 


ग्राम व पोस्ट- मेहंदी,पिन कोड- 222135


जनपद-जौनपुर (उoप्रo) 


 


मेरी कलम से--


 


       (1) इन्शान-ए-हिन्द


 


          जम्मू है सिरमौर देश का,


          दाईं भूज गुजरात है।


          बाईं भुजा पुर्वोत्तर भारत,


          खाड़ी का सम्राट है।


 


          दिल्ली है जिगर देश की,


          दिल यूपी महाविराट है।


          आंध्रा बाईं कोंख देश की,


          दाईं महाराष्ट्र है।


 


        सावधान की सथिति में खड़े,


        दो पैर केरल औ- मद्रास हैंं।


        कन्याकुमारी माँ के चरणों में,


        पुष्प-गुच्छ आच्छाद है।


 


        दक्षिण में चरणों को धोता,


        सागर का सम्राट है।


        शत्रु देश हैं चोटी कटवा,


        उनकी क्या औकात है।


 


           2"सारा भारत मोदीमय"


 


सारा भारत मोदीमय,छाया शत्रुदेश में भय


होता मोदीनाम अजय,साराभारत मोदीमय 


मोदी माँ का लालनिर्भय,पूरा भारत हुआ--


                                              अभय।


अद्भुत बोली भाषा लय,सारा भारत मोदी-


                                               मय ।


 


धन्यमाता हीराबेन तनय,तूँ कितना अद्भुत-


                                  कितना निर्भय ।


तुझपे माँ का रक्षा-वलय,सारा भारत मोदी


                                                मय ।


 


RSS से ओमगणेशाय नम:,यात्रा गुजरात-


                                        केC M से,


अति संघर्षमय जीवन से,कीPMतक की--


                                  ----दूरी तय।


 


तुम कठोर,कठोर तेरा निर्णय,तन-मन तेरा


                                       है लौहमय ।


भाषा कोमल,कितना निर्भय,सारा भारत--


                                         मोदीमय ।


 


दुश्मन की छाती चढ़कर तूँ,मार गिराया---


                              आतंकी दानवमय।


कितना रिश्की,कितना तूँ निर्भय,


 कितना करुणामय,सारा भारत मोदीमय।


 


एक के बदले दस को ढ़हाया,घर में घुस तूँ


                          ----मार गिराया।


जज्बा तेरा विश्व को भाया,जलवा तेरा----


                          है जगत में छाया।


तूँ इस युग का महापुरुष अभय,सारा-----


                          भारत मोदीमय ।


 


नियत हराम नापाक देश को,दुनिया की है-


                                     नजर गिराया।


गजब की वैश्विक नीति चलाकर,सबको--


                         है देश के पक्ष में लाया।


इतनी अद्भुत व्यापक गाथा,तेरी पूर्ण न----


                         --कर सका "विजय"


सारा भारत मोदीमय,छाया शत्रु देश में भय


(जितने दल उतना ही दल-दल,और-------


                 दल-दल में ही खिले कमल)


 


जय हिंद 


             "Vijay Mehandi"


 


 


                       (3)


            "नवांकुर" (कन्या भ्रूण हत्या )


 


         (माँ की कोंख में पल रही-कन्या भ्रूण अपनी माँ से गुहार लगाती है--)


 


         धरा हो उस बगिया की माँ तूँ,   


         जिस बगिया की मैं अंकुर हूँ।


         मैं उत्सुक हूँ, विकसित हो,


         उस बगिया में आने को,


         हरित पल्लवित पुष्पलता बन,


         तेरी बगिया महकाने को।


 


         पर मुझको भय सता रहा,


         कुरीति-परस्ती जता रहा।


         लौह-यंत्र वार से मुझे कुंद कर,


         माँ-कोंख धरा से अलग-थलग कर,


         कचरे में ना फेंकी जाऊं।-2


       


ऐ मेरी ममतामई माँ, तूँ ऐसा होने सेरोक--


तूँ टोक उसे जो करने को रहाहो ऐसा सोच


ताकी मैं भी उस दुनिया में आ पाऊँ,


नवांकुर से हरित-लता बन,


तेरी बगिया में छा जाऊँ। 2


 


मैं तुझसे वादा करती माँ,


हूँ खुद में साहस भरती माँ,


नहीं बनूँगी 


 


                         (4)


 


                 "वेलकम ट्रंप"


स्वागतम-स्वागतम- स्वागतम- सुस्वागतम,


पड़ रहा हिन्द की जमीं पर ट्रंप का कदम।


बेटी इवांका और साथ में मेलानिया -बेगम,


पहली बार भारत में सपरिवार आगमन।


स्वागतम-स्वागतम-----------------------


 


हवाई-मार्ग, थल-मार्ग में है सुरक्षा सघन,


उड़नखटोला होगा हेलीकॉप्टर"मरीन वन"।


अहमदाबाद मेंपड़ेगाआपका पहला कदम,


दूल्हन की तरा सजा है "मोटेरा-स्टेडियम"।


स्वागतम-स्वागतम-----------------------


 


आप करेंगे उद्घाटित स्टेडियम विशालतम,


टिकी विश्व की नजरेंआपके भारतआगमन


लगे चार चाँद यात्रा पर "इवांका" के फैशन


सोने में सुहागा "मेलानिया", ट्रंप की बेगम।


स्वागतम-स्वागतम-----------------------


 


शाहजहाँ की बनवाई मुमताज-स्मृतिसदन,


आगरा के ताजमहल में भी होगा पदार्पण।


एकतरफ याराना माहौल भारत-अमेरिकन


वहीं जलके खाक होरहा है नापाक बेरहम


स्वागतम--स्वागतम-स्वागतम-सुस्वागतम।


 


            ( 5) "वायरस-कोरोना"


 


होजा सावधान आया वायरस-"कोरोना",


वरना रो सकते हो जीवन- मौत का रोना।


चीन-देश से चला ए वायरस "कोरोना",


अब पहुंच चुका है दुनिया के कोना-कोना।


होजा सावधान आया वायरस-"कोरोना",


 


है ए 'लाइलाज' बस सावधान रहोना, 


सर्दी,खाँसी,तेजबुखार,निमोनिया का होना, 


ऐसे लक्षण दिखने पर तुरत निदान करोना,


भीड़-भाड़ की जगहों से बचकर रहोना।


होजा सावधान आया---------------------


 


कुछ दिनों तक जर्नी-सफर से दूर रहोना, 


 बाहर है जाना तो, 'मास्क' लगाके चलोना।


सार्वजनिक छुए कुछ तो, हाँथ धुलोना,


अल्कोहल,साबुन से जमके हाँथ धुलोना।


होजा सावधान, आया--------------------


 


कुछ दिनों तक अण्डे-चिकेन से भी बचोना


हो यदि छींकना,खाँसना तो रुमाल रखोना


हो यदि बलगम मुँह में तो, खुले में थूंको ना


किसी के करीब सट के बातें भी करो ना


दहशत में डूबी दुनिया गजब ढाया कोरोना


होजा सावधान आया वायरस-"कोरोना"।


 


था जो देश इसे बोया, वही रोया खुब रोना


उसी की हुई है फाँसी जिसका था बिछौना


खोदा तूं दूसरे को खांई , खुद ही तूं गिरोना


उधर से आने वाली समीर, इधर तूँ बहोना।


होजा सावधान आया वायरस-"कोरोना"।।


 


 


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...