कवियत्री "श्रेया कुमार

"मां "में जवान हो रहा हूं,


 बोला मेरा बारह वर्ष का बेटा ,


"आईने -में "देख कर खुद कर,


'देखो 'अब मेरी हल्की-हल्की मुछें भी उग आई है ...


सुनती रही उसकी बातें पर बातों पर ध्यान नहीं दिया 


बेटा फ़िर से बोला मां देखो" ना 


मैं जवान हो गया..


 खाने में पूर्ण पौष्टिक भोजन दो.. 


अब रोज बादाम ,दूध, घी की मात्रा बढ़ा दो 


रोटियां भी दो से तीन कर दो...


 हंसी आ गई सुनकर उसकी बातें कहां अच्छा आज क्या हो गया?


 बेटा फ़िर से बोला मां मैं जवान हो गया...


मां बस कुछ साल की बात और है.. सब तक़लीफे दूर हो जाएंगी 


जब मेरी कोई अच्छी -सी 


"सरकारी -नौकरी" लग जाएगी 


मैं अपनी हंसी को रोक ना पाई,


 कहां.. हां इंतजार रहेगा ,'बेटा फिर गंभीर मुद्रा में बोला..


' मां ,सुनो ना मैं जवान हो गया '


देखो आपके कंधे तक आ गया हूं... थोड़ा "दुबला -पतला" सा खुद को पा रहा हूं ...


मां कहीं खेलों में या व्यामशाला में इंतजाम करा दो ...


देखो पढ़ाई के साथ-साथ खेलों की कोचिंग भी करा दो !


हूं ...... सर को हिला कर


समर्थन किया 


क्या कहती बेटे से ?खर्च बहुत बढ़ गया ?


बेटा फ़िर से बोला मां ..मैं जवान हो गया 


अब बारी मेरी थी ,प्रश्नों की पूछा.. फिर क्या बनोगे बड़े होकर 


आजकल लोग नाम से ही नहीं


 ओहदे और पैसों से पहचाने जाते हैं.. अभी से सभी इंतजाम करना होगा "लोन- वोन" का जुगाड़ करना होगा


 बेटे ने कहा,' मां ,मैंने मन में ठाना है ...


तेरा ही नहीं ,'मां भारती का कर्ज चुकाना है'…..


 जवान ,'उम्र से नहीं शरीर से नहीं हमेशा जवान ही रहना है 


मां मुझे हिंदुस्तान का जवान होना है 


ध्यान रखना "मेरी मां" मेरा कहीं एप्लीकेशन अस्वीकार ना हो जाए खानपान मेरा रखरखाव अब तुमको और अच्छे ढंग से करना है....


" अस्सी का होकर".. भी हमेशा "जवान ही कहलाऊं"...


 मां ,मैं अब तेरा बेटा नहीं "मां -भारती" का बेटा भी कहलाऊं ..


 मुझे तुम्हारा ही नहीं" 'हिंदुस्तान की मिट्टी' का भी 'कर्ज -चुकाऊ '….


मां मुझे "भारतीय -आर्मी" में जवान होना है ....


सुनकर ,उसकी बातें फक्र से 


मैंने कहा कि हां ,अब मेरा बेटा जवान हो रहा है ..


अब मेरा बेटा जवान हो रहा है ..


जय हिंद, जय भारत ,जय जवान, जय किसान ,जय विज्ञान।


 


"..नई दिल्ली110063


 मिलनसार अपार्टमेंट


 


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