बलिदानियों के शीश का है ताज तिरंगा।
लहरा रहा है उनके दम पे आज तिरंगा।।
हर रंग एक कहानी नई करता है बयाँ,
सीने में छुपाए है कितने राज तिरंगा।
खेली थी जान पर वो,मगर हार न मानी,
झाँसी की वीर सिंहनी की लाज तिरंगा।
चोला बसंती पहन जो शहीद हो गए,
करता है शहादत पे उनकी नाज तिरंगा।
करता रहूँ गुणगान अपनी मातृ भूमि का,
'मनहर' के दिल पे करता रहे राज तिरंगा।
मान सिंह 'मनहर'
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