मेरा प्रिय भारत
मैं अपनी प्रिय भारत मां का
गर्वित गौरव गान लिखूं
रोम रोम में बसता मेरे प्यारा हिंदुस्तान लिखूं
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गान लिखूं।
जब भारत माता परतंत्रता की
जंजीरों में पड़ी हुई थी
देश की थाती के ऊपर
दुश्मन की अनीति खड़ी हुई थी
तब आजादी के परवानों का
दिया हुआ पैगाम लिखूं
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गान लिखूं।
आजादी की ज्वाला में जली
लाखों लाख जवानी थी
भगतसिंह ,शेखर,सुभाष
और झांसी वाली रानी थी
वीर शिवा, राणा, चेतक का
अमर हुआ इतिहास लिखूं
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गान लिखूं।
सावित्री ,अनसुईया ,सीता जैसा
नारी में सतीत्व झलके
पंत,निराला,तुलसी सूर की
वाणी में अमृत छलके
दिनकर जैसे ओज कवि का
मैं हृदय तल से संमान लिखूं
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गान लिखूं।
राम कृष्ण की भूमि है
यहां संत विवेकानंद हुए
हरिश्चंद्र से दानी राजा
और महात्मा बुद्ध हुए
श्री कृष्ण के पांचजन्य से
निकला वो शंखनाद लिखूं
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गान लिखूं।
अटल अडिग है खडा हिमालय
बहती पावन भागीरथी
गंगा जमुना सरस्वती का
अजब अनूठा संगम है
त्रिवेणी संगम से निकली
संगम की मै धार लिखूं
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गान लिखूं।
नमन करूं उन वीरों को जो
देश का शोर्य कहलाते
सीमा पर घेरा डाले और
रक्षा हेतु मिट जाते
जय जवान जय किसान की
मेहनत की जय जयकार लिखूं
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गान लिखूं।
मेरा देश है मुझको प्यारा
देश के हित में जीती हूं
अमृत हो या विष का प्याला
बांट बांट कर पीती हूं
हिंद देश की खातिर मिटना
मंजू का स्वाभिमान लिखूं
अगर जरूरत पड़ी कभी तो खुद को मैं कुर्बान लिखूं
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गान लिखूं।
( जयहिंद) मंजू तंवर
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