नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

परोपकार ईश्वर का प्यार 


परोपकार परमेश्वर कार्य


परोपकार स्वयं स्वार्थ का त्याग है


परोपकार पर पीड़ा का प्रतिकार है।।


 


परोपकार जन कल्याण राष्ट्र समाज की दरकार युग पुरुषार्थ है


परोपकार पर्व जीवन मूल्य 


सिद्धान्त आशा आस्था भाग्य


भगवान् संसार विश्वाश है।।


 


सेवा समर्पण मानवता उद्धार


मंत्र मात्र एक ही शक्ति भक्ति


परोपकार उपकार नहीं कर्तव्यों का सत्कार निर्वाह है।।


 


पर दुःख पीड़ा का संघार


परोपकार में विष पान कर


शिव शंकर शम्भू औघड़ नाथ


परोपकार में धधिचि ने सर्वश्व


कर दिया त्याग।।


 


परोपकार दान नहीं भीख नहीं


प्रकृति प्राणी का दायित्व भाव है


क्या मतलब जब पेट भरा हो अपना कोई कोइ भूखा मर जाए।।           


 


अक्षम अधम शरीर पिपासा जीव जीवन का ही अंतर भूखे का भी छीन लेता निवाला परोपकार अपमान है।।            


 


भूखे को अपनी रोटी दे खुद भूखा रह जाता परोपकार मानवता का


नाता दाता सत्कार है।।


 


परमेश्वर की दे दुहाई इंसान


बन जाता कसाई आत्मा की परम् आत्मा परोपकार में जीजस सूली पर चढ़ जाता।।                  


 


सिद्धार्थ का सत्यार्थ बुद्ध अहिंसा परमो धर्मः का ध्येय धर्म मर्म परोपकार है।।


 


क्रूरता धूर्तता दानवता कपटी


युग ध्वंस विख्याता निहित स्वार्थ


में जीवन का तिरस्कार है।।


 


परोपकार पूण्य पापी पाप का दमन समन आत्म तत्व तथ्य का भान मान है।।


 


धर्म धैर्य धारण है विश्व धर्म बतलाता परोपकर सम धर्म


नहीं कर्म नहीं जन्म 


जीवन का व्यख्याता परोपकार है।।


 


परोपकार नर में नारायण का


दर्शन नर में नारायण मिल जाता


परोपकार समय समाज संवर्धन


सत्य जीवन दर्शन प्रमाण है।।


 


परोपकार सम्मान है।


परोपकार अभिमान है।


परोपकार मूल्य मूल्यवान है


परोपकार अनमोल है परोपकार


बेमोल है ।।


 


परोपकार तापसी का तप


जीवन का संधान है।।


परोपकार ईश्वर का याचक 


स्वर आगम निगम पुराण है।।


 


परोपकार कारक कारण समाज राष्ट्र युग निर्माण आधार है। परोपकार शिव् शंकर शम्भू कैलाश है।।


 


परोपकार की दिशा दृष्टि ईश्वर


अवसर उपलब्धि अंदाज़ा है। परोपकार में अल्लाह ईश्वर आराधना आजान है।।


 


परोपकार में गुरु वाणी 


परोपकार फ़क़ीर संत समाज है। परोपकार में ऋषि मुनियों की


त्याग तपश्या का युग वर्तमान है।।


 


परोपकार में प्रकृति पराक्रम


जीव जीवन प्राण है।


परोपकार में दरिया नदियां झरने


सागर झील पहाड़ है ।।


 


परोपकार में प्रकृति प्राणी प्राण है


कायनात ब्रह्माण्ड का परोपकार


बुनियाद है परोपकार में ईश ईश्वर


भगवान अवतार है।।


 


परोपकार में ग्रन्थ रामायण रामचरित मानस वेद पुराण कुरान


है परोपकार शक्ति सत्ता की परम्


शक्ति परमेश्वर का ज्ञान है।।


 


 


नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर


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