जिसके होने से मुक्मल सारा जहाँ
शीश झुकाता है हिन्दुस्ता ।
तिरंगा हाथ में लेकर
खड़ी है भारत माँ ॥
भारत माँ तेरे प्यार में
वारी जाऊं मै ।
दिल तो क्या जान भी
कुर्बान जाऊं मै ॥
करूं श्रृंगार माँ तेरा
बलिहारी जाऊं मै ।
अपने लहू से हाथ तेरे
मेहंदी लगाऊं मैं ॥
तेरे चरण छू कर
हमने ये कसम खाई
छूटे ना गद्दार कोई
मैं मार गिराऊंगा ॥
दुश्मन है ललकार रहा
सीमा पर जाऊंगा ।
एक एक को भारत माता
मैं मार गिराऊंगा ॥
तेरे प्यार में भारत माँ
मैं लड़ने जाऊंगा
अपने बच्चो को भारत माँ
तेरी गोद दे जाऊंगा ।
करना तू हिफाजत उनकी
मैं लौट ना पाऊंगा
तेरे गोद मे सर रखकर
माँ मैं सो जाऊंगा ॥
गर ना लौटा तो भारत माँ
सीने से लगा लेना ' ।
तीन रंग का तिरंगा
मुझको ओढ़ा देना॥
दे देना सलामी
मैं फिर से आऊँगा
दिल तो क्या जान भी
कुर्बान जाऊंगा ॥
नीमा शर्मा ' हँसमुख '
नजीबाबाद ( बिजनौर )
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