ॐ गणपति नमो
प्रथम पूज्या
तुम बुद्धि प्रदाता
दयावन्त हो।
गणपति हो
ॐ नमो नमः तुम्हें
सुख कर्ता हो
दुःख हर्ता हो
रिद्धि सिद्धि के स्वामी
गजानना हो ।
गौरी नँदन
हैं चार भुजा धारी
तुमको ध्याएँ ।
लम्बोदराय
मोदक अति प्यारे
भोग लगाऊँ ।
भाल चंदन
सजे पिताम्बराय
मूसा सवारी ।
नमन करें
कर जोड़ वंदन
जय तुम्हारी
घर विराजो
करो पूर्ण कामना
प्रभु हमारी ।
स्वरचित
निशा"अतुल्य"
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