नूतन लाल साहू

प्रेम का जीवन में महत्व


 


प्रेम बिना सुख चैन कहा,जीवन में


चाहे कर लो,लाख उपाय


ढाई अक्षर प्रेम,पढ़े तो


जीवन, पारस पत्थर बन जाय


स्वारत रत,इस संसार में


प्रेम रतन धन है, सार


प्यारे प्रभु से,प्रेम करे यदि


तो उतरै, भव पार


प्रेम बिना सुख चैन कहा,जीवन में


चाहे कर लो, लाख उपाय


ढाई अक्षर प्रेम, पढ़े तो


जीवन, पारस पत्थर,बन जाय


लख चौरासी,भोग के आया


बड़े भाग,मानुष तन पाया


चाहता जो परम सुख तो


करो हरि का,भजन प्यारे


प्रेम बिना सुख चैन कहा,जीवन में


चाहे कर लो, लाख उपाय


ढाई अक्षर प्रेम, पढ़े तो


जीवन, पारस पत्थर,बन जाय


प्रेम की है,अदभुत सौगात


प्रेम से बन जाती है,बात


है विचित्र, इसका गणित


जितनी हम बांटे इसे,उतना ही बढ़ता है संयोग


प्रेम बिना सुख चैन कहा,जीवन में


चाहे कर लो, लाख उपाय


ढाई अक्षर प्रेम, पढ़े तो


जीवन,पारस पत्थर बन जाय


यह दोष है,अपने कर्मो का


अथवा कहिएगा,भाग्य हीन


सब कुछ पाया हमने लेकिन


प्रेम का रहस्य,समझ न पाया


प्रेम बिना सुख चैन कहा,जीवन में


चाहे कर लो, लाख उपाय


ढाई अक्षर प्रेम, पढ़े तो


जीवन,पारस पत्थर बन जाय


नूतन लाल साहू


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