नूतन लाल साहू

स्वाधीनता दिवस


आज है,पंद्रह अगस्त का दिन


आज का दिन महान हैं


भारत के नौजवानों,आजादी के दीवानों


अपनी आजादी को हरगिज,भुला नहीं सकते हैं


जंजीरों से बंधी हुई थी,सदियों से भारत माता


इन्हें तोड़ने वाला,लाखो ने दे दी अपनी जान हैं


स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है


ये पैग़ाम, बाल गंगाधर तिलक ने है दिया


आज है पंद्रह अगस्त का दिन


आज का दिन महान हैं


भारत के नौजवानों,आजादी के दीवानों


अपनी आजादी को,हरगिज भुला नहीं सकते हैं


कहते हैं,हम अब दुश्मनों को ललकार के


यहां रखना कदम,तुम अपना संभाल के


ख़ाक हो जायेगा, जो इधर आयेगा


देश के बेटे जाग उठे हैं,हर दुश्मन भागेगा


आज हैं पंद्रह अगस्त का दिन


आज का दिन महान हैं


भारत के नौजवानों,आजादी के दीवानों


अपनी आजादी को,हरगिज भुला नहीं सकते हैं


हंसती आंखो को,जिसने आंसू दिये थे


उसे हम,माफ कभी नहीं कर सकते हैं


हिमालय कह रहा है,इस वतन के नौजवानों से


खड़ा हूं संतरी बनके,मै सरहद पे जमानो से


आज है,पंद्रह अगस्त का दिन


आज का दिन महान हैं


भारत के नौजवानों,आजादी के दीवानों


अपनी आजादी को,हरगिज भुला नहीं सकते हैं


हम भांति भांति के पंछी है,पर


बाग तो एक हमारा है


भारत की तकदीर बनी,इसी तिरंगे के नीचे है


अपनी मां से भी बड़ी,भारत मां हमारा है


आज है,पंद्रह अगस्त का दिन


आज का दिन महान हैं


भारत के नौजवानों,आजादी के दीवानों


अपनी आजादी को, हरगिज भुला नहीं सकते हैं। 


नूतन लाल साहू


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...