नूतन लाल साहू

चलो शरण प्रभु श्री राम के


काम क्रोध अउ तिसना हिंसा


पर्दा आंख पड़े हे


जुरमिल के ये चारो दानो


बुद्धि नाश करे हे


बार के ज्ञान के दिया ला


घर घर जोत जलाबो


आवव भाई आवव बहिनी


चलो शरण प्रभु श्री राम के


बेइमान अउ भ्रष्टाचारी मन


छल पाखंड करत हे


दुराचार अउ अत्याचार के


बोलबाला बढ़त हे


ईमानदारी के तीर चलाके


ये दुश्मन ल मार भगाबो


आवव भाई आवव बहिनी


चलो शरण प्रभु श्री राम के


पहिली चरण वंदना गुरुवर के


फिर माता के चरण मनावव


श्रद्धा सजल,प्रभु राम के शरण


दुःख पीरा गोहरावव


स्थूल रूप हे,प्रभु मुरत के


देख ले ध्यान लगा के


आवव भाई आवव बहिनी


चलो शरण प्रभु श्री राम के


प्रभु राम ही हमन के भाग विधाता


प्रभु राम ही हमन के जीवनदाता


प्रभु राम ही हावय परमेश्वर


वेद शास्त्र पुराण ह


जेकर महिमा गाईन


प्रभु राम के किरपा पा के


ब्रम्हा ह सरिस्टी रचाये हे


आवव भाई आवव बहिनी


चलो शरण प्रभु श्री राम के


नूतन लाल साहू


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...