नूतन लाल साहू

समय


समय के पंख नही होते,पर


समय उड़ता है,बिन पंख के


चक्र घूमता है,नियत का


फिर भी समय,उड़ान भरता है


आशा और विश्वास का


सम्बल रखे,संग संग


है विचित्र,इसका गणित


हर क्षण मिलेगा,नई उमंग


समय के पंख नही होते,पर


समय उड़ता है,बिन पंख के


चक्र घूमता है,नियत का


फिर भी समय,उड़ान भरता है


हास्य योग है, साधना


सारे रोग का है,निदान


चलो समय के साथ सब


संदेश यही सुनाता है


समय के पंख नही होते,पर


समय उड़ता है, बिन पंख के


चक्र घूमता है,नियत का


फिर भी,समय उड़ान भरता है


समय आगे को बढ़ता है


समय कब पीछे,मुड़ता है


जो चला समय के साथ


वो हो गया,जग में महान


समय के पंख नही होते,पर


समय उड़ता है,बिन पंख के


चक्र घूमता है,नियत का


फिर भी समय,उड़ान भरता है


भाषण देना और हल्ला मचाना


कोई महानता नहीं है


समय है कला और समय है विज्ञान


जो पल पल रहता है,गतिवान


समय के पंख नही होते,पर


समय उड़ता है,बिन पंख के


चक्र घूमता है,नियत का


फिर भी समय,उड़ान भरता है


नूतन लाल साहू


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