जिस मातृभूमि पर हमने जन्म लिया है,
वह भारत देश हमारा है,
जो हमारे प्राणों से भी प्यारा है,
जो हमें देती है प्रेरणा वह सीख है,
मातृभूमि की लाज के खातिर,
सर्वश अपना लुटाऊंगा,
इस माटी में जन्म लिया है,
इस माटी में मिल जाना है,
बदन को महकाने के सारी उम्र काट ली,
रूह को अब अपनी महकाओ तो अच्छा है,
वो मातृभूमि की रक्षा करते है,
हम मातृभाषा की कर लेते है,
मातृभूमि का बेटा हूं,
पर सोच हमारा संकीर्ण है,
मातृभूमि का मान लिए उग्र रूप को देखा है,
हर सेनानी इस जग में वीरभद्र को देखा है,
मातृभूमि की रक्षा करने में चाहे,
जीवन तेरा सौ बार आ जाए,
नमन नमन नमन है उनको,
जो मातृभूमि की रक्षा करते है,
जिस मातृभूमि पर हमने जन्म लिया है,
वह भारत देश हमारा है।।
*परमानंद निषाद*
*ग्राम- निठोरा,पोस्ट- थरगांव*
*तहसील- कसडोल,जिला- बलौदा बाजार (छत्तीसगढ़)*
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