अंग्रेजी शासन से तो मिल गई आज़ादी
लेकिन असली आजादी मिलेगी कब?
गरीबी, भूख,बेरोजगारी का
छाया है चहुँ ओर अंधेरा
रोटी, कपड़ा और मकान की
बुनियादी ज़रूरतें पूरी होंगी कब?
हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख,ईसाई
सभी धर्मावलंबी हैं रहते यहाँ
धर्म निरपेक्ष देश होने के बावजूद
एक देश, एक कानून मानेंगे कब?
मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा
सभी इमारतों में है मिट्टी- गारा
है ईश्वर, खुदा,यीशू सब मन में ही
मानवता/ इंसानियत को ये धर्म मानेंगे कब?
शिक्षा, सभ्यता,संस्कृति का था जो गढ़
उसकी आधी जनता है,अभी भी अनपढ़
शिक्षा, रोजगार के असमान अवसरों से
आरक्षण का रोष दूर होगा कब?
संविधान में ही है कहा गया
धर्म, जाति, लिंग का होगा नहीं भेदभाव
माना भी गया लड़का-लड़की एकसमान
फिर कन्या भ्रूण हत्या रुकेगी कब?
प्रादेशिक भाषाओं की है बहुलता यहाँ
अंग्रेजी भाषा की महत्ता भी समझते यहाँ
भाषाओं के बढ़ते द्वंद्व में
'भारत' को अपनी राष्ट्र भाषा हिंदी मिलेगी कब?
स्वतंत्रता सेनानियों ने देखा था
'वसुधैव कुटुंबकम् ' का सपना
सभी धर्मावलंबी चाहें बस!हित अपना
आखिरकार भारतीयता की भावना पनपेगी कब?
-प्रज्ञा जैमिनी 'स्वर्णिमा ',दिल्ली
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