वंदित माता विश्व व्यापिनी,
जय भारत जय भारती....२
वंदे मातरम् ...... वंदे मातरम्....३
शस्य श्यामला धरा सुपावन, खॆत बाग खलिहान हरे।
श्रम के तप से उपजे सोना, विपुल खाद्य धन धान्य भरे।।
जय किसान विज्ञान जयति जय,
सुभगे अर्चन आरती।।
जय भारत जय भारती.
नदियों का स्पंदन जीवन, मचले गिरिनद झर झर निर्झर ।
मदिर सुहावन वनज समीरण, हिम आच्छादित शैल शिखर।।
पद प्रच्छालन सागर करता,
. प्राची रूप संवारती।।
जय भारत जय भारती.
वीर उर्वरा वसुन्धरा यह, शौर्य पराक्रम बलदानी।
सुदृढ़ सीमा जिनसे , शुभ्र भाल माँ कल्यानी।।
शान तिरंगा को शत वंदन,
संतति जय भापत उच्चारती।।
जय भारत जय भारती.
वंदित माता विश्व व्यापिनी,
जय भारत जय भारती....२
वंदे मातरम् ...... वंदे मातरम्....३
प्रखर दीक्षित
फर्रुखाबाद(उत्तर प्रदेश)
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