जय गणनायक जय लंबोदर,
जय-जय कृपा निधान।
तुम हो रिद्धि- सिद्धि के दाता।
करो जगत कल्याण।
दुष्टों का तुम नाश करो,
भक्तों का संताप हरो।
सद्बुद्धि देने को देवा,
सबके मन में वास करो।
विनती है कर जोरि प्रभु,
सब को दो ये ज्ञान।
जो हरता है पीर पराई,
वो सच्चा इंसान।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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