खाओ-पीओ मौज़ उड़ाओ,
कल की चिंता छोड़ो।
साथ न जाने वाला भैया,
धन इतना मत जोड़ो।
काम वक्त पर आएॅ॑ रिश्ते,
रिश्तों को मत तोड़ो।
टूट गए हैं रिश्ते जो भी,
उन्हें आज ही जोड़ो।
दिल होता शीशे सा नाज़ुक,
दिल न किसी का तोड़ो।
तोड़ दिया दिल धोखे से तो,
उसे प्रेम से जोड़ो।
चुभें तीर से दिल में ऐसे,
शब्द कभी मत बोलो।
बोल, बोलकर मीठे-मीठे,
कानों में रस घोलो।
जो बोओगे वो काटोगे,
शूल बीज मत बोओ।
दुखी अगर है यार पड़ोसी,
चैन नींद मत सोओ।
जो आता है वो जाता है,
अमर कौन है बोलो।
जाने से पहले बाबुल घर,
दाग चुनरिया धो लो।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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