😊😊 *** वंदना *** 😊😊
प्रथम निवेदन आपसे,
गजानन महाराज।
कलम लिया है हाथ तो,
रखना इसकी लाज।
माता वीणा वादनी,
रखना मेरी लाज।
रुके कभी मत लेखनी,
यही निवेदन आज।
वर दो माॅ॑ मुझको यही,
रहे चरन में प्रीत।
निश-दिन वंदन को तुम्हें,
लिख पाऊॅ॑ कुछ गीत।
चाह नहीं तुलसी बनूॅ॑,
या मैं कालीदास।
चाह सभी के दिल बसूॅ॑,
पूरी करना आस।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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