राम बिहारी पचौरी

अपनी दादी की नातिन हो तुम


अपने पापा की परी हो तुम 


अपनी मम्मी की लाडली हो तुम


अपने भाइयों की प्रिय बहन हो तुम


 अपने ससुर के लिए लक्ष्मी हो तुम


 अपने सासू मां की बिटिया हो तुम


 अपने ननद की भाभी हो तुम


दोनों कुल को तारने वाली देवी हो तुम


फूलों सी कोमल हृदय वाली हो तुम


माँ बाप की एक आह पर ही रोती हो तुम 


भाई के प्रेम में खुद को भुला देती हैं हो तुम 


बड़े नसीब वालों के घर जन्म लेती हो तुम


घर आँगन को खुशियों से भर देती हो तुम


देवालय में बजते शंख की ध्वनि हो तुम


देवताओं के हवन यज्ञ की अग्नि हो तुम


खुशनसीब हैं वो जिनके आँगन में हो तुम


जग की तमाम खुशियों की जननी हो तुम


खिलती हुई कलियाँ हो तुम


माँ-बाप का दर्द समझती हो तुम


घर को रोशन करती हो तुम


जिस घर में ऐसी बिटिया हो,


वह घर स्वर्ग बन जाता है


वहां साक्षात लक्ष्मी का वास हो जाता


 ऐसी बिटिया को राम बिहारी प्रणाम करता है


 


राम बिहारी पचौरी


भिंड (मध्य प्रदेश)


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