है आज का दिवस हमारा शुभ्र-वेला में चमन।
सुखद दिवस की दिव्यावधि में हुआ देश में अमन।
स्वाभिमान की विजय-वैज्यन्ति लहरी विश्वाकाश में
अमन का प्रतीक बने इस तिरंगे को शत्-शत् नमन॥
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जब भारत पर अंग्रेजो ने,कहर यहां बरसाया था।
तब वीर सपूतों ने हर पल अपना जान गवाया था॥
किये थे भारत माँ की रक्षा,रखकर जान हथेली पर।
लेकर गोली और बारूद,हमला किये हवेली पर ॥
जान की बाजी लगाकर सब,आजादी दिलवाये थे।
रक्षार्थ देश हम जन्म लिए,यही प्रेम सिखलाये थे॥
अंग्रेजो से पंगा लेकर,सभी का लहु बहाये थे।
फाँसी झुलकर हँसकर वे,सबको राह दिखाये थे॥
©️रमेश कुमार सिंह 'रुद्र'®️
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