रणजीत सिंह रणदेव

ये प्यारा जग में न्यारा,भारत कुंज हमारा ।


ए शहीदों इसके गौरव में भी नाम तुम्हारा ।।


ये प्यारा जग में न्यारा ……………………….1


 


तुम सिमा पर इसके पहरी बनें खडें हों ,


आता कोई संकट तुम डटकर लड़ें हों ।


तुम भारत सिमा पर राही बन हो प्यादा ,,


भूखें-प्यासे रहकर रखतें तुम अमन इरादा ।।


तुम पहरी जिसे गुजरें हम सबका जमारा ,


ये प्यारा जग में न्यारा …………………………2


 


मुठभेड़ में तुम सिमा पर रंग लहरातें हो ,


भारत माता की जय ललकार लगातें हो। 


सीना गोली लगे तो मिट्टी मलम लगातें हो ,,


तुम देश रक्षा में जीवन शहीद कर जाते हों।।


तुम्हारें रक्त का फोलादी देते जवाब करारा ,


ये भारत जग में न्यारा …………………………3


 


ए नमन मेरे वतन के शहीदों वारि -वारि ,


तुम्हारे बलिदान से होता ह्रदय ज्वालाधारी ।


तुम्हारे बालिदानो की वाणी हम पर गूँजे ,,


याद दिलाती तेरी रक्त रंगीली माटी धूँजें। 


तेरी याद दिलाती कुर्बानी तू शहीद प्यारा ,


ये भारत जग में न्यारा ………………………..4


 


भारती का तूहीं सपूत अमर कहलाया हैं ।


सदाही तुनें भारती का ध्वज ऊंचा लहराया हैं।।


तेरे पर नाज हैं यहां रहने वाले बसेरों का,,


नमन तेरी कुर्बानी को हम जैसे मजबुरों का ।।


रणदेव तेरी गाथा लिखे तु अमर द्वीप हमारा ,


ये प्यारा जग में न्यारा, भारत कुंज हमारा ।


ए शहीदों इसके गौरव में भी नाम तुम्हारा ।।


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रणजीत सिंह “रणदेव” चारण


राजसमंद


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